परिचय
प्राचीन काल से ही भारतीय आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों का विशेष महत्व रहा है। इन्हीं औषधीय पौधों में एक अत्यंत प्रभावशाली जड़ी-बूटी है – मुलेठी (Licorice Root)। इसका वैज्ञानिक नाम Glycyrrhiza glabra है। मुलेठी एक मधुर स्वाद वाली जड़ होती है जिसका प्रयोग न केवल औषधीय गुणों के लिए, बल्कि स्वाद और सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है। इसके सेवन से अनेक प्रकार की बीमारियों से राहत मिलती है। आइए जानें मुलेठी के चमत्कारी लाभ और उपयोग।

1. गले की खराश और खांसी में राहत
मुलेठी एक प्राकृतिक कफ निवारक औषधि है। यह गले की सूजन, खराश और खांसी में तुरंत आराम देती है। इसमें मौजूद ग्लाइसीरिज़िनिक एसिड श्वसन तंत्र को शांत करता है और कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
उपयोग:
एक चुटकी मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें। चाहें तो मुलेठी की छोटी टहनी को चबाकर भी लाभ पा सकते हैं।
2. पेट के रोगों में फायदेमंद
मुलेठी का सेवन पेट की कई समस्याओं जैसे गैस, अपच, अल्सर और एसिडिटी में राहत प्रदान करता है। यह पेट की अंदरूनी परत को सुरक्षा प्रदान करती है और जलन को कम करती है।
उपयोग:
मुलेठी पाउडर को गुनगुने पानी या दूध में मिलाकर रोजाना सुबह सेवन करने से पेट स्वस्थ रहता है।
3. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं। यह मौसमी संक्रमणों से शरीर की रक्षा करता है।
उपयोग:
मुलेठी का काढ़ा बनाकर पीने से इम्युनिटी बढ़ती है और सर्दी-जुकाम जल्दी ठीक होता है।
4. त्वचा के लिए लाभकारी
मुलेठी का उपयोग त्वचा की देखभाल में भी किया जाता है। यह त्वचा की जलन, दाग-धब्बों, झाइयों और मुंहासों को कम करने में मदद करता है। इसमें प्राकृतिक स्किन लाइटनिंग एजेंट होते हैं जो त्वचा को चमकदार बनाते हैं।
उपयोग:
मुलेठी पाउडर को दूध या गुलाब जल के साथ मिलाकर फेस पैक के रूप में लगाएं।
5. तनाव और थकान में आरामदायक
मुलेठी का सेवन मानसिक तनाव, चिंता और थकान को दूर करने में सहायक होता है। यह एड्रेनल ग्लैंड्स को संतुलित करता है जो तनाव हार्मोन (कॉर्टिसोल) को नियंत्रित करता है।
उपयोग:
मुलेठी की चाय पीने से मानसिक सुकून और ऊर्जा मिलती है।
6. हड्डियों और जोड़ों के लिए लाभकारी
मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द, सूजन और गठिया जैसे रोगों में लाभ पहुंचाते हैं। यह हड्डियों को भी मजबूत बनाती है।
उपयोग:
मुलेठी पाउडर को गुनगुने दूध के साथ रोजाना रात को पीने से लाभ होता है।
7. मुंह की दुर्गंध और दांतों के लिए लाभदायक
मुलेठी के एंटीबैक्टीरियल गुण दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ रखते हैं। यह मुंह की दुर्गंध, पायरिया और मसूड़ों की सूजन में राहत देती है।
उपयोग:
मुलेठी पाउडर को दंत मंजन के रूप में उपयोग करें या उसकी टहनी से दांत साफ करें।
8. हार्मोन संतुलन में मददगार
मुलेठी महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करती है। पीसीओडी, पीसीओएस और मासिक धर्म की अनियमितता में इसका उपयोग लाभदायक माना गया है।
उपयोग:
मुलेठी को गर्म पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और नियमित सेवन करें (लेकिन डॉक्टर की सलाह से)।
9. जुकाम और बुखार में राहत
मुलेठी का काढ़ा सर्दी, जुकाम और बुखार में प्राकृतिक औषधि के रूप में काम करता है। यह शरीर को भीतर से गर्म रखता है और वायरल संक्रमण से लड़ता है।
उपयोग:
मुलेठी, तुलसी, अदरक और काली मिर्च को उबालकर काढ़ा बनाएं और दिन में दो बार सेवन करें।
10. वजन नियंत्रण में सहायक
मुलेठी चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बढ़ाती है और वसा को कम करने में मदद करती है। यह पाचन को सुधारती है जिससे शरीर में अनावश्यक चर्बी नहीं जमती।
उपयोग:
मुलेठी का पानी पीने से वजन घटाने में सहायता मिलती है।
मुलेठी के कुछ अन्य उपयोग
- गले के कैंसर और अल्सर में सहायक
- बालों की वृद्धि में उपयोगी
- लिवर को डिटॉक्स करता है
- सांस की बीमारियों (अस्थमा, ब्रोंकाइटिस) में सहायक
- आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार
मुलेठी का सेवन करते समय सावधानियां
हालांकि मुलेठी एक लाभकारी औषधि है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदेह हो सकता है। अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ सकता है और शरीर में पोटैशियम की कमी हो सकती है।
सावधानियां:
- एक दिन में 3-5 ग्राम से अधिक सेवन न करें
- उच्च रक्तचाप, किडनी रोग या गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की सलाह से ही सेवन करें
- लंबे समय तक लगातार सेवन न करें
निष्कर्ष
मुलेठी एक प्राकृतिक वरदान है जिसे उचित मात्रा और सही तरीके से उपयोग करने पर अनेक रोगों से राहत मिलती है। यह न केवल शरीर को भीतर से मजबूत बनाती है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और सौंदर्य संबंधी समस्याओं का समाधान भी प्रदान करती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में मुलेठी को ‘अमृत’ कहा गया है और इसका सम्मान आज भी वैसा ही है।